मुझे पता है तुम बहुत प्यार करते होलेकिन कहने से जाने क्यों डरते होकान्हां की दीवानी थी राधा रानीजग ने भी जानी मीरा की कहानीतुम भी ऐसे ही मुझमें समा जाओन देह दिखे, न वस्त्र, ऐसे मिल जाओकलियुग में माना वासना ही प्रेम हैकिंतु मेरे ह्रदय की में आज भी राधा रानी मीरा दीवानी सा प्रेम हैबस तुम रह न जाना जीवन में खालीबिखरी रहे मुख मंडल पर खुशी की लालीप्रेम है तो कह जाओ नयनों की भाषा मेंनीलाम्बर भी टिका है जैसे पृथ्वी की अभिलाषा में
तुम्हारी तस्वीर
जब भी इस गली आता हूं मैं
तुम्हारी तस्वीर नजर आ जाती है
न चाहते हुए नजर रुक जाती है
जानें क्या बात है इसमें समाई
न मैं तुम्हारा हूं, न तुम हो पराई
आंखों से दिल में ये उतर आई
अब हर पल, हल लम्हा देखूं
ऐसा कहता है ये मन
विचलित होकर भी स्थिर हूं
कर लिए लाख जतन
बस तुमको पाना है मकसद अब
उम्र का बंधन तोड़कर आना होगा
हर निगाह से तुमको बचाना होगा
सोचता हूं वो घड़ी आएगी कब
जब भी इस गली आता हूं मैं
तुम्हारी तस्वीर नजर आ जाती है
- लाली कोष्टा