Saturday, September 4, 2010

तेरी याद आई


आज शाम फिर तेरी याद आई 
 तू ना रही बस थी तन्हाई 
 यूं आकाश में अकेला उड़ा था
साथ था तेरा प्यार
खुसबू से महकी हवा
खींचे चले आये प्यार के मारे
मंजिल का तो पता नहीं मेरी
लोगो को मंजिल तक पहुचाना
यही मेरा काम है
तेरे प्यार का दूसरा यही नाम है 



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